Kadam Mila Ke Chalna Hoga कदम मिला के चलना होगा

Kadam Mila Ke Chalna Hoga कदम मिला के चलना होगा

                                                                                                                             ~ अटल बिहारी वाजपेयी 








भारत रत्न श्री अटल जी की कविता कदम मिला के चलना होगा को कक्षा 8 की NCERT पुस्तक 'वसंत ' में सम्मिलित किया गया है।


बाधाएँ आती है आएँ,
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों से हँसते–हँसते,
आग लगा कर जलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
हास्य–रूदन में, तूफानों में,
अमर असंख्यक बलिदानों में,
उद्यानों में, वीरानों में,
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीड़ाओं में पलना हागा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
उजीयारे में, अंधकार में
कल कछार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,
जीवन के शत–शत आकर्षक,
अरमानों को दलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
सम्मुख फैला अमर ध्येय पथ,
प्रगति चिरन्तन कैसा इति अथ,
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,
असफल, सफल समान मनोरथ,
सब कुछ देकर कुछ न माँगते,
पावस बनकर ढलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
कुश काँटों से सज्जित जीवन,
प्रखर प्यार से वंचित यौवन,
नीरवता से मुखरित मधुवन,
पर–हित अर्पित अपना तन–मन,
जीवन को शत–शत आहुति में,
जलना होगा, गलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।

~ अटल बिहारी वाजपेयी



Kadam Mila Ke Chalna Hoga कदम मिला के चलना होगा Kadam Mila Ke Chalna Hoga कदम मिला के चलना होगा Reviewed by Janhitmejankari Team on February 17, 2019 Rating: 5

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